stage monitor speakers -स्टेज मोनिटर काम कैसे करता है?

stage monitor speakers-स्टेज मोनिटर काम कैसे करता है?

💥STAGE MONITORS💥

दोस्तो !!  स्टेज मॉनिटर्स की सीरीज में हम बात करेंगे *मॉनिटर के प्रसार* मॉनिटर के प्रकार के बारे में..

 लाइव स्टेज मॉनिटर


STAGE MONITORS

STAGE MONITORS

 लाइव स्टेज परफॉर्मेंस में मॉनिटर्स की अहमियत को बिलकुल भी नाकारा (ओवरस्टेटेड) नहीं जा सकता।  कुछ अच्छे मॉनिटर के बिना आपके बैंडमेट्स (सह-संगीत) एक-दूसरे को अच्छे से नहीं सन सलते।  मॉनिटर के बिना हमारे म्यूजिशियन को अच्छे से इंस्ट्रुमेंट प्ले करना मुश्किल हो सकता है, क्यों दर्शकों के लिए इंस्टॉल किए गए कॉलम स्टेज पर क्लियर साउंड नहीं दे सके, उसमेन फ्लोर नॉइज़ ऐड होगी।  मित्रो !!  आप के साउंड सिस्टम में मॉनिटर एक महत्वपूर्ण गियर उपकरण होता है।


आपकी आवश्यकताएं के लिए कौन सा मॉनिटर और ब्रांड बेहतर रहेगा, ये देखने के लिए बात कराटे हैं * मॉनिटर के प्रकार की…👇👇.


 *मॉनीटर के प्रकार*


 (मॉनीटर के प्रकार)… जब आप स्टेज मॉनिटर खरीद करने की सोचते हैं तो आपके दिमाग में बहुत सारे ब्रांड, प्रकार, आकार, मॉडल, संरचना और विनिर्देशों वाले मॉनिटर आएंगे।  इसी स्थिति में हम भ्रमित होते हैं।


 * मॉनिटर 2 श्रेणियाँ के होते हैं*


 1ST ~ निष्क्रिय हां असंबद्ध मॉनिटर

 2एनडी ~ सक्रिय हां पावर मॉनिटर।



 नमस्कार दोस्तों !!  आये थोड़े चरचा करते हैं मॉनिटर की श्रेणी, वर्गीकरण, करिश्मे और अंतर के बारे में…👇👇👇


 🔸1ST~ *निष्क्रिय हां अप्रभावित


 मॉनिटर*.  पैसिव या अनपॉवर्ड मॉनिटर को साउंड प्रोडक्शन करने के लिए एक्सटर्नल एम्पलीफायर की जरूरत होती है।  ये सस्ते (लो कास्ट प्राइस) होते हैं खराब होने पर आप केवल स्पीकर ओपन कराके रिपेयर कर सकते हैं।  पैसिव मॉनिटर्स की साउंड क्वालिटी थोड़ी डाउन होती है जिस कारण स्पीकर, कैबिनेट, और एम्पलीफायर सेलेक्शन है।  एक और रेसों भी होता है जो आगे बताऊंगा।  साथ ही स्टेज मॉनिटर्स के लिए एम्पलीफायर्स सिलेक्शन पर भी डिस्कशन करेंगे।


 पैसिव मॉनिटर्स को चेंज करना भी आसान होता है।  एक्टिव मॉनिटर्स के साथ ऐसा नहीं है।


 2nd~ सक्रिय हां संचालित मॉनिटर


 :~~ बेहतर साउंड क्वालिटी के हिसाब से एक्टिव मॉनीटर करवाते हैं।  एक्टिव मॉनिटर्स वहां अधिक उपयोगी है जहां परफॉर्मर (संगीतकार) सेल्फ मॉनिटरिंग और सेटिंग करना चाहता हो।  एक्टिव मॉनिटर्स में एम्पलीफायर्स स्पीकर बॉक्स में हाय इनबिल्ट होते हैं।  एक्टिव मॉनिटर महंगे होते हैं, लेकिन अगर तुलना की जाए से ये अच्छे भी होते हैं, क्यों इक्वलाइजर, इफेक्ट आदि। इनबिल्ट होते हैं और अलग से नहीं लगाएंगे।  हां ये पैसिव मॉनिटर्स से अधिक ओवर वेटेड होते हैं।


 सक्रिय मॉनिटर वी / एस निष्क्रिय मॉनिटर💥


 एक्टिव मॉनिटर्स में आपको केवल पावर सोर्स और लाइन लेवल इनपुट dwne ki जरूरत होती है।  स्पीकर केबल्स का उपयोग ना होने से वायर रेजिस्टेंस बढ़ाने के लिए नहीं होता, जिससे डंपिंग फैक्टर कम नहीं होता, जबकी पैसिव मॉनिटर्स में इस्के विपरीत होता है।



 एक्टिव मॉनिटर में मिक्सर, इक्वलाइजर क्रॉसओवर, पावर एम्प इनबिल्ट होता है।  जो की मैच हुए होते हैं, जिससे अच्छी और साफ सोयांड क्वालिटी मिलाती है।  इवेंट्स छोटा हो तोसाउंड इंजीनियर भी नहीं रखने की जरूरत नहीं होती।


 पैसिव मॉनिटर्स में सब कुछ बाहरी उपयोग करना पदता है।

 .मान लीजिए कि आप एक बड़े लाइव कंसर्ट में सिस्टम इंस्टाल किए हुए हैं और मॉनिटर्स में इंजीनियर को कुछ चेंज करना हो (जहां आर्टिस्ट सेल्फ ओपरेटर ना हो) से एक इंजीनियर को हमेश स्टेज पर ही रहाना होगा।


 पैसिव मॉनिटर्स में ये मेन कंसोल और एम्प्लीफायर्स से ही कर सकते हैं।

 आगर चलते कार्यक्रम में कोई सक्रिय मॉनिटर क्षतिग्रस्त हो जाए तो आप कुछ नहीं कर सकते।



 पैसिव मॉनिटर में आप स्पीकर क्षतिग्रस्त होने पर कॉलम या एम्पलीफायर खराब होने पर अतिरिक्त और किसी एम्पलीफायर के अप्रयुक्त चैनल का उपयोग कर सकते हैं।


 अगर हम अलग अलग जग पर सिस्टम लैगेट होन टू पैसिव मॉनिटर लाइटवेट और इजी टू ट्रांसपोर्ट रहते हैं, जबकी एक्टिव मॉनिटर इनबिल्ट एम्पलीफायर के करण ओवर क्यूए वेट होते हैं।


 पैसिव मॉनिटर्स में अगर आप स्पीकर्स, एम्प्लीफायर्स, और दोसरे साउंड गियर्स के बीच सही कॉम्बिनेशन और मैचिंग नहीं कर पाटे टू साउंड क्वालिटी नहीं मिलेगी।


 एक्टिव मॉनिटर्स में एम्पलीफायर, मिक्सर, इक्वलाइज़र, सब इनबिल्ट होते हैं, अगर मॉनिटर टू वे या थ्री वे है तो सबी फ़्रीक्वेंसी रेंज के लिए अलग क्लास के ऑडियो एम्पलीफायर लगे होते हैं, जिससे अच्छी साउंड क्वालिटी मिलाती है।


 *स्टेज मॉनिटर डिजाइन* ..(फॉर्म फैक्टर)… दोस्तो !!  अब हम एक्टिव और पैसिव मॉनिटर्स के बारे में थोड़ा जान चुके हैं।  अब हम चर्चा करेंगे मॉनिटर्स की डिफ्रेंट डिजाइन पर।


 ●1ST~ STAGE WEDGES MONITOR:~ स्टेज मॉनिटरिंग के लिए सबसे अधिक जैसे किया जाने वाला डिज़ाइन है स्टेज WEDGES।  स्टेज वेज मॉनिटर तराह डिज़ाइन किया गया है किया जाता है की स्टेज फ्लोर पर बिना किसी की आँखों को अवरूद्ध (आँखें बंद हो गई) कीए अच्छा प्रतिक्रिया दे खातिर।  स्टेज वेज मॉनिटर वैरिएंट एंगल में 30°, 60°, ऊपर की तरफ जहां से आर्टिस्ट को संकेत दिया कर खातिर होता है।  वेज मॉनिटर जहान कलाकार और संगीतकारों को अलग (व्यक्तिगत) मॉनिटर समर्पित किया (दीया) जाता है।


 2एनडी ~ इन ईयर मॉनिटर्स: ~ कुछ स्टेज आर्टिस्ट्स को वेज मॉनिटर फ्लेक्सिबिलिटी, क्लियरिटी, और साउंड प्रेशर नहीं दे पाता जो वह चाहते हैं, विशेष रूप से जिन्को स्टीरियो मॉनिटर (बाएं-दाएं) की आवश्यकता होती है।  ऐसे परफॉर्मर्स के लिए इन ईयर्स मॉनिटर्स एक बेहतर विकल्प है, जो उन मनचाही आवश्यकताओं को पूरी करता है।


 3आरडी~ साइड फिल मॉनिटर्स:~ साइडफिल मॉनिटर्स वेज मॉनिटर्स से छोटी रह गई कामी मो पूरा करने के लिए होता है।  साइड फिल मॉनिटर्स वेज मॉनिटर्स ही होते हैं जो की स्टैंड पर लगाए जाते हैं।  वेज मॉनिटर स्टेज पर इंस्टाल किया जाता है लेकिन साइड फिल मॉनिटर ऑफ-स्टेज इंस्टाल किए जाते हैं।  साइड फिल मॉनिटर में मास्टर सिग्नल (मिक्स) साउंड ड्राइव होता है जिसे पूरी परफॉर्मिंग टीम सुनती है।  जब से सेपरेट मॉनिटर (वेज) और इन ईयर मॉनिटर्स (ईयर बड्स) का इस्तेमाल होने लगा साइड फिल का महत्व कम हुआ है।


 4th~ स्टैंड माउंटेड मॉनिटर्स।  (पोल माउंटेड) :~ स्टैंड माउंटेड मॉनिटर ऐसे परफॉर्मर्स के लिए आइडियल है जो खड़े हो कर या हाइट पर परफॉर्म कराटे हैं।


 भूतपूर्व।  कीबोर्ड प्लेयर, गिटारवादक, बांसुरी, शहनाई, गायक आदि।


 दोस्तों !!  स्टेज मॉनिटर अपने आप में बहुत बड़ा कॉन्सेप्ट है।  इसे एक या 2 एपिसोड में कवर करने पर बोरिंग हो सकता है।  इस्लिये आज इतना ही।  अगला एपिसोड़ में हम बात करेंगे स्पीकर सेलेक्शन, एम्प सिलेक्शन, इक्वलाइज़र, प्रोसेसर, कैबिनेट डिज़ाइनिंग, इंस्टालेशन के बारे में।


 साथ ही मिलेगा एक *आश्चर्यजनक टिप्स* जिससे आप मॉनिटर में कोई भी और चाहे ज्यादा पावर रेटिंग स्पीकर जरूरी क्वालिटी के साथ कर सकते हैं।

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